ब्रह्मोस/brahmos missile ,

 


ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) तथा  रूस की npo mashinostreoyena के द्वारा संयुक्त रुप से मिलकर किया गया है ब्रह्मोस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी कथा रूस की maskva नदी के नाम पर रखा गया है यह मिसाइल रूस की p-800 ओकिस  क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है ब्रह्मोस भारत और उसके द्वारा विकसित की गई अब तक की सबसे आधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली वाली मिसाइल है इस मिसाइल तकनीकी ने भारत को अग्रणी देश बना दिया है ब्रह्मोस मिसाइल का समुद्री तथा थल संस्करणों का पहले ही सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है तथा इसे भारतीय नौसेना को सौंपा गया है जो भारतीय नौसेना के लिए वर्तमान में सेवा में है


1.¶¶ ब्रह्मोस मिसाइल का परिचय---

ब्रह्मोस मिसाइल का विकास ब्रह्मोस कॉरपोरेशन द्वारा किया जाता है यह कॉरपोरेशन भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास केंद्र और रूस के npo mashinostreoeyenia के द्वारा मिलकर बनाया गया है ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है इसे क्रूज मिसाइल कोभी कहते हैं यह मिसाइल कम ऊंचाई पर उड़ान भर के लक्ष्य  सटीकता से निशाना बना सकती है कम ऊंचाई पर उड़ान भरने के कारण ब्रह्मोस मिसाइल रडार के क्षेत्र से बस जाती है ब्रह्मोस मिसाइल के द्वारा समुद्र से हवा में हवा से सतह पर तथा सतह से हवा में दागा जा सकता है अथार्थ ब्रह्मोस मिसाइल को किसी भी स्थान से प्रक्षेपित किया जा सकता है लक्ष्य पर निशाना साधने के लिए ब्रह्मोस मिसाइल एक अत्याधुनिक तकनीकी की मिसाइल निर्माण भारत को तकनीकी के क्षेत्र में एक अग्रणी देश तो बना ही दिया है लेकिन प्रक्षेपास्त्र तकनीकी में दुनिया का कोई भी चीज प्रक्षेपास्त्र तेज गति से आक्रमण के मामले में उसकी बराबरी नहीं कर सकता ब्रह्मोस की यही खूबियां दुनिया की सबसे तेज मारक क्षमता वाली मिसाइल बताती है यहां तक कि अमेरिका की टॉम हॉक मिसाइल भी इसके आगे नहीं जा पाती यह मिसाइल अमेरिका की टॉम हॉक मिसाइल को भी तकनीकी एवं अन्य क्षेत्रों में पीछे छोड़ती है

इस मिसाइल में एक महत्वपूर्ण तकनीकी का उपयोग किया गया है उस तकनीकों को मेनूवरेबल तकनीक के नाम से जाना जाता है एक तकनीकी के माध्यम से किस मिसाइल को देखे जाने के बाद भी है अपने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले अपना मार्ग बदल सकती है इसकcा उपयोग अधिकतर गतिशील लक्षण पर निशाना साधने में किया जाता है वृद्धिशील लक्ष्यों के मार्ग बदलने पर यह भी अपना मार्ग बदल लेती है और लक्ष्य को निशाना बना लेती है ब्रह्मोस मिसाइल अन्य कारणों के कारण दुनिया की सबसे तेज मिसाइलों में गिनी जाती है ब्रह्मोस मिसाइल के निर्माण में रूस प्रक्षेपास्त्र तकनीक उपलब्ध करवाता है उड़ान के दौरान मार्गदर्शन करने की क्षमता भारत के द्वारा विकसित की गई है यह एक मिसाइल के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है

2.¶¶ ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण---

ब्रह्मोस मिसाइल का पहला सफल परीक्षण 12 जून 2001 को किया गया था तथा यह परीक्षण चांदीपुर की integrated test  range (ITR) में किया गया था एक और परीक्षण 14 जून 2004 को ITR मैं सफलतापूर्वक किया गया यह परीक्षण मोबाइल लांचर के माध्यम से किया गया था मोबाइल लांचर से ब्रह्मोस मिसाइल को दागा गया तथा यह परीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न हुआ !! तथा ब्रह्मोस मिसाइल को 2006 में भारतीय नौसेना के लिए सेवा में लाया गया तब से यह भारतीय नौसेना के लिए सेवा में कार्यरत है


3.¶¶ ब्रह्मोस मिसाइल की क्षमता--

ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 290 किलोमीटर है और यह 300 किलो का विस्फोटक सामग्री अपने साथ ले जा सकती है उनकी गति ध्वनि की गति से करीब 3 गुना अधिक है ब्रह्मोस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण के बाद यह दुनिया की पहली और एकमात्र सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बन गई जिससे नौसैनिक प्लेटफार्म नंबर पर झुकी हुई दोनों अवस्था से प्रेषित किया जा सकता



missile type - supersonic cruise  missile

in service - November 2006

manufacturer - DRDO + NPO mashinostroeyenia

cost- 2.37$

first test- 12 jun 2001

weight- 3000kg

length- 8.4 m

diameter - 0.6 m

engine type- 1 stage(solid propellant booster)
2 stage (liquid fuel remjet)

long Range - 300- 500 km

high range - 14 km

velocity - 3430.1km/h

guidance system - intrial navigation system


4.¶¶ ब्रह्मोस मिसाइल की विशेषताए--

 -यह मिसाइल कम ऊंचाई प्रदान करती है   और रडार की पकड़ में नहीं आती

- ब्रह्मोस अमेरिका की टॉम हॉक से लगभग 2 गुनी अधिक तेजी से वार करती है इसकी प्रहार क्षमता भी टॉमहॉक से अधिक है

-यह मिसाइल 1200 unitऊर्जा पैदा कर अपने लक्ष्य को तहस-नहस कर सकती है

-रडार ही नहीं किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा देने में सक्षम है इस को मार गिराना लगभग असंभव है

-यह मिसाइल हवा में ही अपना मार्ग बदल सकती है और चलते फिरते लक्ष्य को भेज सकती है

-इस मिसाइल को कहीं से भी दागा जा सकता है ।

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